Not known Factual Statements About Shodashi
Wiki Article
सोलह पंखड़ियों के कमल दल पर पद्दासन मुद्रा में बैठी विराजमान षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी मातृ स्वरूपा है तथा सभी पापों और दोषों से मुक्त करती हुई अपने भक्तों तथा साधकों को सोलह कलाओं से पूर्ण करती है, उन्हें पूर्ण सेवा प्रदान करती है। उनके हाथ में माला, अंकुश, धनुष और बाण साधकों को जीवन में सफलता और श्रेष्ठता प्रदान करते हैं। दायें हाथ में अंकुश इस बात को दर्शाता है कि जो व्यक्ति अपने कर्मदोषों से परेशान है, उन सभी कर्मों पर वह पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर उन्नति के पथ पर गतिशील हो और उसे जीवन में श्रेष्ठता, भव्यता, आत्मविश्वास प्राप्त हो। इसके आतिरिक्त शिष्य के जीवन में आने वाली प्रत्येक बाधा, शत्रु, बीमारी, गरीबी, अशक्ता सभी को दूर करने का प्रतीक उनके हाथ में धनुष-बाण है। वास्तव में मां देवी त्रिपुर सुन्दरी साधना पूर्णता प्राप्त करने की साधना है।
नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा
Considering that among his adversaries had been Shiva himself, the Kama gained substantial Shakti. Lacking discrimination, the man commenced building tribulations in all the three worlds. With Kama getting much ability, and with the click here Devas dealing with defeat, they approached Tripura Sundari for aid. Taking up all her weapons, she charged into battle and vanquished him, Hence preserving the realm of your Gods.
चतुराज्ञाकोशभूतां नौमि श्रीत्रिपुरामहम् ॥१२॥
सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥
When the Shodashi Mantra is chanted with a transparent conscience and also a established intention, it will make any desire come accurate to suit your needs.
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
श्रींमन्त्रार्थस्वरूपा श्रितजनदुरितध्वान्तहन्त्री शरण्या
Often called the goddess of wisdom, Shodashi guides her devotees towards clarity, Perception, and higher awareness. Chanting her mantra enhances instinct, serving to men and women make clever selections and align with their interior truth of the matter. This benefit nurtures a lifetime of integrity and intent.
The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual development and also the attainment of worldly pleasures and comforts.
, kind, through which she sits atop Shivas lap joined in union. Her attributes are unrestricted, expressed by her 5 Shivas. The throne upon which she sits has as its legs the 5 kinds of Shiva, the well-known Pancha Brahmas
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।